Tuesday, October 25, 2011

ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो....आशा के स्वर जगजीत के सुरों में



ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 773/2011/213

मस्कार! 'ओल्ड इज़ गोल्ड' में इन दिनों हम श्रद्धांजली अर्पित कर रहे हैं ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह को, जिनका पिछले १० अक्टूबर को देहावसान हो गया। 'जहाँ तुम चले गए' शृंखला की कल की कड़ी में हमने लता जी का शोक-संदेश आप तक पहुंचाया था, आइए आज कुछ और शोक-संदेश पढ़ें। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नें कहा कि जगजीत सिंह अपने गोल्डन वायस के लिए हमेशा याद किए जायेंगे। उनके शब्दों में - "by making ghazals accessible to everyone, he gave joy and pleasure to millions of music lovers in India and abroad....he was blessed with a golden voice. The ghazal maestro’s music legacy will continue to “enchant and entertain” the people." गीतकार जावेद अख़्तर बताते हैं, "जगजीत सिंह की मृत्यु नें हिन्दी फ़िल्म और म्युज़िक इंडस्ट्री को कभी न पूरी होने वाले क्षति पहुँचाई है। मैंने उनको पहली बार स्कूल में रहते हुए सुना था जब मैं IIT Kanpur के एक कार्यक्रम में गया था, वह था 'Music Night by Jagjit Singh and Chitra'।" शास्त्रीय गायिका शुभा मुदगल नें कहा - "He was an icon. There is nothing I can say to console his wife (Chitra). All I can say is that he will never be forgotten. I pray to God to give her the strength to recover from the loss."

आज की कड़ी के लिए हमने जिस गीत को चुना है, वह है फ़िल्म 'राही' का। फ़िल्म में संगीत जगजीत सिंह और चित्रा सिंह का था। 'राही' १९८७ की फ़िल्म थी जिसमें संजीव कुमार, शत्रुघ्न सिंहा और स्मिता पाटिल नें मुख्य भूमिकाएँ निभाईं। लखन सिंहा निमित व रमण कुमार निर्देशित इस फ़िल्म में जगजीत सिंह और चित्रा सिंह के गाये गीत तो थे ही, साथ ही आशा भोसले, सुरेश वाडकर, महेन्द्र कपूर, मीनू पुरुषोत्तम और भुपेन्द्र के गाये गीत भी शामिल थे। फ़िल्म ज़्यादा नहीं चली, इसके गानें भी अनसुने ही रह गए, पर एक गीत जो रेडियो पर काफ़ी गूंजा, वह था जगजीत जी की एकल आवाज़ में ज़िन्दगी से भरपूर "ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो, फ़ासले कम करो, दिल मिलाते रहो"। आज जब जगजीत जी हमारे बीच नहीं है, इस गीत को सुनते हुए ऐसा लगता है कि वो यहीं कहीं आसपास हैं। यह गीत ही इतना आशावादी है, ज़िन्दगी से लवरेज़ है कि इस गीत को सुनते हुए यह कल्पना करना मुश्किल हो जाता है कि इसे गाने वाला शारीरिक रूप से हमारे साथ नहीं है। आइए इस गीत को सुनें और उनके कहेनुसार मुस्कुरायें और उनके मुस्कुराते हुए चेहरे को याद करें। गीतकार हैं नक्श ल्यालपुरी।



चलिए अब खेलते हैं एक "गेस गेम" यानी सिर्फ एक हिंट मिलेगा, आपने अंदाजा लगाना है उसी एक हिंट से अगले गीत का. जाहिर है एक हिंट वाले कई गीत हो सकते हैं, तो यहाँ आपका ज्ञान और भाग्य दोनों की आजमाईश है, और हाँ एक आई डी से आप जितने चाहें "गेस" मार सकते हैं - आज का हिंट है -
आशा की आवाज़ में है ये गीत जगजीत द्वारा संगीतबद्ध

पिछले अंक में
एक बार फिर अमित जी एकदम सही हैं आप
खोज व आलेख- सुजॉय चट्टर्जी


इन्टरनेट पर अब तक की सबसे लंबी और सबसे सफल ये शृंखला पार कर चुकी है ५०० एपिसोडों लंबा सफर. इस सफर के कुछ यादगार पड़ावों को जानिये इस फ्लेशबैक एपिसोड में. हम ओल्ड इस गोल्ड के इस अनुभव को प्रिंट और ऑडियो फॉर्मेट में बदलकर अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहुंचाना चाहते हैं. इस अभियान में आप रचनात्मक और आर्थिक सहयोग देकर हमारी मदद कर सकते हैं. पुराने, सुमधुर, गोल्ड गीतों के वो साथी जो इस मुहीम में हमारा साथ देना चाहें हमें oig@hindyugm.com पर संपर्क कर सकते हैं या कॉल करें 09871123997 (सजीव सारथी) या 09878034427 (सुजॉय चटर्जी) को

फेसबुक-श्रोता यहाँ टिप्पणी करें
अन्य पाठक नीचे के लिंक से टिप्पणी करें-

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

4 श्रोताओं का कहना है :

Amit का कहना है कि -

आज तो थोड़ा सा मुश्किल कर दिया है आप लोगों ने.चलिए किस्मत आजमाते हैं.

जब सामने तुम आ जाते हो

Amit का कहना है कि -

Kahin Kahin Se Yeh Chehra

Amit का कहना है कि -

Ahista Ahista

Amit का कहना है कि -

Tere Geeton Ki Main - Prem Geet

Dilbar Jani - Prem Geet

Dulha Raja - Prem Geet

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

संग्रहालय

25 नई सुरांगिनियाँ

ओल्ड इज़ गोल्ड शृंखला

महफ़िल-ए-ग़ज़लः नई शृंखला की शुरूआत

भेंट-मुलाक़ात-Interviews

संडे स्पेशल

ताजा कहानी-पॉडकास्ट

ताज़ा पॉडकास्ट कवि सम्मेलन