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सावन के बादलों उनसे जा कहो...रिमझिम फुहारों के बीच विरह के दर्द में भींगे जोहरा बाई और करण दीवान के स्वर - Sajeev

छेड़ी मौत नें शहनाई, आजा आनेवाले....लिखा मजरूह साहब ने ये गीत अनिल दा के लिए - Sajeev

जब उसने गेसु बिखराये...एक अदबी शायर जो दशक दर दशक रचता गया फ़िल्मी गीतों का कारवाँ भी - Sajeev

दिल तोड़ने वाले तुझे दिल ढूंढ रहा है....महबूब खान ने दिल तो नहीं तोडा मगर दिल उन्हें ढूंढ रहा है आज भी शायद - Sajeev

मैं तो प्यार से तेरे पिया मांग सजाऊँगी....नौशाद का रचा ये शृंगार रस से भरपूर गीत है सभी भारतीय नारियों के लिए खास - Sajeev

तेरी महफ़िल में किस्मत आजमा कर हम भी देखेंगें...एक मास्टरपीस फिल्म की मास्टरपीस कव्वाली - Sajeev

क्या बताएँ कितनी हसरत दिल के अफ़साने में है...ज़ोहराबाई अम्बालेवाली की आवाज़ में एक और दमदार कव्वाली - Sajeev

"अखियाँ मिलाके अखियाँ" - गायिका सुरिंदर कौर की पुण्यतिथि पर 'आवाज़' की श्रद्धांजली - Sajeev

तू मेरा चाँद मैं तेरी चाँदनी...ये गीत समर्पित है हमारे श्रोताओं को जिनकी बदौलत ओल्ड इस गोल्ड ने पूरा किया एक वर्ष का सफर - Sajeev

आवाज़ दे कहाँ है...ओल्ड इस गोल्ड में पहली बार बातें गायक/अभिनेता सुरेन्द्र की - Sajeev

अखियाँ मिलके जिया भरमा के चले नहीं जाना...जोहराबाई अंबालेवाली की आवाज़ थी जैसे कोई जादू - Sajeev

अफसाना लिख रही हूँ....उमा देवी की आवाज़ में एक खनकता नगमा - Sajeev

जब दिल ही टूट गया....सहगल की दर्द भरी आवाज़ और मजरूह के बोल - Sajeev

नज़र फेरो ना हम से, हम है तुम पर मरने वालों में...जी एम् दुर्रानी साहब लौटे हैं एक बार फिर महफ़िल में - Sajeev

ओ दुनिया के रखवाले....रफी साहब के गले से निकली ऐसी सदा जिसे खुदा भी अनसुनी न कर पाए - Sajeev

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