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मेरे पास आओ मेरे दोस्तों एक किस्सा सुनो....लीजिए एक बार फिर बच्चे बनकर आनंद लें इस कहानी का - Sajeev

मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है....अरे नहीं साहब ये तो गाने के बोल हैं, हमारे अंगने में तो आपका ही काम है...आईये - Sajeev

ये कहाँ आ गए हम...यूँ हीं जावेद साहब के लिखे गीतों को सुनते सुनते - Sajeev

विंटेज इल्लायाराजा का संगीत है "पा" में और अमिताभ गा रहे हैं १३ साल के बालक की आवाज़ में... - Sajeev

रविवार सुबह की कॉफी और अमिताभ की पसंद के गीत (२१) - Sajeev

रविवार सुबह की कॉफी और अमिताभ बच्चन की पसंद के गीत (२०) - Sajeev

महानायक के लिए महागायक से बेहतर कौन - नियंत्रक । Admin

मेरी प्यास हो न हो जग को...मैं प्यासा निर्झर हूँ...- कवि गीतकार पंडित नरेंद्र शर्मा जी की याद में - नियंत्रक । Admin

तीर पर कैसे रूकूँ मैं, आज लहरों का निमंत्रण.... - नियंत्रक । Admin

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