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...और जो बिक ही नहीं पाई वो वैसे भी किसी काम की नहीं थी - असद भोपाली - Sajeev

शनिवार विशेष - 'अफसाना' के गीतों से उन्होने अपनी लेखनी का लोहा मनवा लिया... - Sajeev

ए मेरे दिले नादाँ तू गम से न घबराना....एक एक बढ़कर एक गीत हुए हैं इन सस्पेंस थ्रिल्लर फिल्मों में - Sajeev

मैं तेरी हूँ तू मेरा है....मधुबाला जावेरी का नटखट अंदाज़ निखारा हंसराज बहल ने - Sajeev

हँसता हुआ नूरानी चेहरा ....क्यों न हो ओल्ड इस गोल्ड के सुनहरे गीतों को सुनते हुए - Sajeev

रविवार सुबह की कॉफी और कुछ दुर्लभ गीत (१९) फिल्म गीतकार शृंखला भाग १ - Sajeev

दो दिल धड़क रहें हैं और आवाज़ एक है....आशा और तलत ने आवाज़ मिलाई आवाज़ से - Sajeev

मिलिए ग़ज़ल गायकी की नई मिसाल रफ़ीक़ शेख से - नियंत्रक । Admin

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