Monday, April 21, 2008

चाँद पे होता घर जो मेरा (Chaand Pe Hota Ghar Jo Mera)



बच्चो,

बहुत दिनों से अपनी व्यस्तताओं की वजह से मीनू आंटी ने हमारे लिए कोई उपहार नहीं लाया था। लेकिन बहुत व्यस्त होने के बावजूद भी वो अपने आपको रोक नहीं पाईं और आज एक रिकॉर्डिंग लेकर चली ही आईं। इस बार इन्होंने सीमा सचदेव की कविता 'चाँद पे होता घर जो मेरा' का पॉडकास्ट तैयार किया है। चलिए सुनते हैं।

नीचे ले प्लेयर से सुनें.

(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)



यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)




VBR MP364Kbps MP3Ogg Vorbis

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3 श्रोताओं का कहना है :

seema sachdeva का कहना है कि -

MEENU JI is baar aapki aavaaz ka jaadu sar chadh ke bola mera matlab usame bahut paripakvata aur nayapan tha .music ke saath aapka style bahut achcha laga...maine to kalpana ki thi lekin aapne apni aavaaz se use saakaar roop diya hai.....seema sachdev

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

बहुत सुन्दर आवाज और वैसे ही सुन्दर रचना
मैं तो परीलोक जा पहुँचा..

Yash Chhabra का कहना है कि -

Menu ji,
Aap ki madhur aawaj ne seema ji ki rachan ki khoobsurati aur bhi barha di....yash

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