ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 37
कुछ गीत ऐसे होते हैं कि जिनके लिए संगीतकार के दिमाग़ में बस एक ही गायक होता है. जैसे कि वो गीत उसी गायक के लिए बनाया गया हो. या फिर हम ऐसे भी कह सकते हैं कि हर गायक की अपनी एक खूबी होती है, कुछ विशेष तरह के गीत उनकी आवाज़ में खूब खिलते हैं. ऐसे ही एक गायक थे तलत महमूद जिनकी मखमली आवाज़ में दर्द भरी, ठहराव वाली गज़लें ऐसे पुरस्सर होते थे कि जिनका कोई सानी नहीं. आज 'ओल्ड इस गोल्ड' में तलत साहब की मखमली आवाज़ का जादू छा रहा है दोस्तों. सलिल चौधरी की धुन पर राजेंदर कृष्ण के बोल, फिल्म "छाया" से. 1961 में बनी हृषिकेश मुखर्जी की इस फिल्म में सुनील दत्त और आशा पारेख ने मुख्य भूमिकाएँ निभायी. यूँ तो इस फिल्म में एक से एक 'हिट' गीत मौजूद हैं जैसे कि "मुझसे तू इतना ना प्यार बढा", और "आँखों में मस्ती शराब की". लेकिन तलत साहब का गाया जो गीत हम आज शामिल कर रहे हैं वो थोडा सा कमचर्चित है.
"आँसू समझ के क्यूँ मुझे आँख से तुमने गिरा दिया, मोती किसी के प्यार का मिट्टी में क्यूँ मिला दिया" तलत महमूद के गाए फिल्मी गज़लों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. सलिल चौधुरी के गीतों में पाश्चात्य संगीत का बहुत ही सुंदर इस्तेमाल हुया करता था.पाश्चात्य 'हार्मोनी' के वो दीवाने थे. जिस तरह से मदन मोहन फिल्मी ग़ज़लों के बादशाह माने जाते हैं, सलिल-दा द्वारा स्वरबद्ध इस ग़ज़ल को सुनकर आपको यह अंदाज़ा हो जाएगा कि सलिल-दा भी कुछ कम नहीं थे इस मामले में. किसी ग़ज़ल में 'वेस्टर्न हार्मोनी' का ऐसा सुंदर प्रयोग शायद ही किसी और ने किया हो! और राजेंदर कृष्ण साहब के भी क्या कहने! "मेरी खता माफ़ मैं भूले से आ गया यहाँ, वरना मुझे भी है खबर मेरा नहीं है यह जहाँ". इस गीत की एक और ख़ास बात यह है कि फिल्म में इस गीत के तीन अंतरे हैं, लेकिन 'ग्रामोफोन रेकॉर्ड' पर इस गीत के केवल दो ही अँतरे हैं. इस तरह से 'रेकॉर्ड' पर 3 मिनिट 14 सेकेंड्स का यह गीत फिल्म में 4 मिनिट 52 सेकेंड्स अवधि का है. दोस्तों, हम तो आपको 'रेकॉर्ड' वाला 'वर्ज़न' ही सुनवा सकते हैं, लेकिन फिल्म में शामिल वो तीसरा अंतरा जो 'रेकॉर्ड' पर नहीं है, वो कुछ इस तरह से है - "नग्मा हूँ कब मगर मुझे अपने पे कोई नाज़ था, गाया गया हूँ जिस पे मैं टूटा हुआ वो साज़ था, जिस ने सुना वो हंस दिया हंस के मुझे रुला दिया, आँसू समझ के..."
और अब बूझिये ये पहेली. अंदाजा लगाईये कि हमारा अगला "ओल्ड इस गोल्ड" गीत कौन सा है. हम आपको देंगे तीन सूत्र उस गीत से जुड़े. ये परीक्षा है आपके फ़िल्म संगीत ज्ञान की. अगले गीत के लिए आपके तीन सूत्र ये हैं -
१. प्रेमी को पुकारती लता की आवाज़.
२. सोनिक ओमी का संगीत.
३. मुखड़े में शब्द है -"नैना".
कुछ याद आया...?
खोज और आलेख- सुजॉय चटर्जी
ओल्ड इस गोल्ड यानी जो पुराना है वो सोना है, ये कहावत किसी अन्य सन्दर्भ में सही हो या न हो, हिन्दी फ़िल्म संगीत के विषय में एकदम सटीक है. ये शृंखला एक कोशिश है उन अनमोल मोतियों को एक माला में पिरोने की. रोज शाम ६-७ के बीच आवाज़ पर हम आपको सुनवायेंगे, गुज़रे दिनों का एक चुनिंदा गीत और थोडी बहुत चर्चा भी करेंगे उस ख़ास गीत से जुड़ी हुई कुछ बातों की. यहाँ आपके होस्ट होंगे आवाज़ के बहुत पुराने साथी और संगीत सफर के हमसफ़र सुजॉय चटर्जी. तो रोज शाम अवश्य पधारें आवाज़ की इस महफिल में और सुनें कुछ बेमिसाल सदाबहार नग्में.
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9 श्रोताओं का कहना है :
Hmm....is computer per hindi type karna mushkil hai...
Shayad yeh geet hai...
aaja re pyaar pukare, naina to ro ro haare
koi na jaane dard mera...
जी, नीरज जी,
यही गीत सोचा था,,,हमने भी,,,,
दुसरे , क्षमा करें तलत जी की आवाज में ये ग़ज़ल नहीं ,,बल्कि गीत है,,,
और ये तीसरा अंतरा भी हमने काफी सुना है,,,,,विविध भारती पर ही,,
बहुत सुंदर गीत है ...
मनु जी! आप सही हैं यह गजल नहीं गीत ही है. तीसरा अंतरा मैंने भी रेडियो पर खूब सुना है. यह रिकार्ड पर था फिल्म में नहीं था. नीरज जी से मैं भी सहमत हूँ.
मेरे नैना सावन भादो
सुमित भारद्वाज
क्या यही गीत है क्योकि मुझे लता जी की आवाज की पहचान नही है, पर ये गीत बहुत पसंद है?
filma dil ne phir yaad kiyaa
Aa jaa re pyaar pukare, nainaa to ro ro haare koi na jaane dard mera
Sharad Tailang
Hi,
Thanks for pointing out out that it is not a ghazal but a geet. You guys are really reading the texts :)
This is indeed not a ghazal. I got the difference between geet & ghazal :-)
Meri khata maaf main bhoole se aa gaya yahan,
Varna mujhe bhi hai khabar, mera nahin hai ye jahaan,
Doob chala thha neend me, achha kiya jaga diya
ha ha ha...
waah manu ji ,
hum to sirf itna hi kahenge ,hatsooooofffffffffff for u
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