श्रोताओं और दर्शकों से खचा खच भरे सभागृह में एक हीरे का सौदागर आता है और उसे देख सभी १० मिनट तक सीटी बजाते हैं, चिल्लाते हैं, सारा माहौल गूंज रहा है, सब मस्त है ... |
आख़िर ये कौन है जिसे देख कर मस्ती आ जाती है, नौजवान मुश्कियां मारने लगते हैं, कौन है यह कौन है ... ?
ये जनाब हैं अपने किशोर कुमार |आदरणीय गालिब के शेर को किशोर बाबू के लिए उधार मांगूं तो कुछ ऐसा होगा -
जिसके आने से आती थी स्टेज पर मस्ती,
लोग कहतें हैं वो तो किशोर कुमार था |
एक वो भी समय था जब किशोर के दिल की धड़कन स्टेज शो के नाम पर तेज हो जाती थी | किशोर कुमार एक मस्ती का नाम जरुर था लेकिन उनमें एक शर्मिलापन भी दिख जाता था | एक बार तो सुनील दत्त और उनके दोस्तों ने उन्हें परदे के पीछे से स्टेज पर ढकेला और शो कराने के लिए मजबूर किया | डरते डरते दादा ने एक लय पकड़ ली और बस निकल पडी स्टेज शो की गाडी ... पम्प पम्प पम्प |
अब स्टेज शो में किशोर भैया तब तक गाते जब तक नही थकते | इस सजीव शो (real show) में किशोर ने गाया भी, नाचा भी और अभिनय भी किया | अपने अंदाजों को लोगों की मांग (public demand) पर बदलने लगे | कभी सभ्य आदमी (gentle man) बनकर तो कभी कुरते , पैजामे और सर पर मखमली टोपी पहन कोई जौहरी (diamond merchant) बनकर गाते रहें |क्या वे कला के हीरे(diamond)नही थे ?
उनका एक अंदाज़ आज भी याद किया जाता है | स्टेज शो की शुरुआत कुछ इस तरह से करते -
"ओ मेरे संगीत प्रेमियों....,
मेरे दादा दादियों , मेरे नाना नानियों ,
वो मेरे मामा मामियों , मेरे यारों यारियों ,
आप सब को किशोर कुमार का सप्रेम नमस्कार ..."
और सब उनके पीछे यह दोहराते मानो कोई प्रार्थना हो रही हो | कई बार तो वे स्टेज पर लेट कर, माइक को मुंह पर लगा गाते, लुढ़कते, उठते फिर गिरते | उनका यह कुदरती अंदाज लोगों को बहुत लुभाता | कला मंच पर मंझ चुके किशोर दा अब तरह तरह के नए प्रयोग करने लगे | अभिनय का अनुभव उन्हें वहां बहुत काम आ रहा था | श्रोताओं की मांग पर गाना गाया जाने लगा और किशोर कुमार दल इसके लिए हमेशा तैयार रहता था ! अपने सफल स्टेज शो के दौर में उन्होंने बहुत से संगीतकारों, गायिकाओं और अपने बेटे अमित कुमार के साथ स्टेज पर धूम मचाया, संग नाचा, गाया |
धीरे-धीरे, देश-विदेश में में उनका यह स्टेज शो उनके बिगड़ते स्वस्थ के कारण रुकने लगा और लोग किशोर स्टेज शो को तरसने लगे| बेटे अमित कुमार ने उनके इस सिलसिले को आज भी कायम रखा है |आज आवाज़ पर देखिये किशोर कुमार एक मशहूर लाइव कार्यक्रम की कुछ झलकियाँ, जहाँ वो गा रहे हैं ईना मीना डीका, मेरे सपनों की रानी, रोते हुए आते हैं सब और प्यार बांटते चलो जैसे लाजवाब गीत अपने मस्तमौला अंदाज़ में. आनंद लें-
जाते जाते ...
तुमने स्टेज पर कूदा ,
फिर गाया - नाचा ,
अब तरसता मन कहे ,
किशोर फिर से आजा |
प्रस्तुतकर्ता- अवनीश तिवारी






संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला
मन जाने - विवधताओं से भरी अल्बम








लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से
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शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।



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श्रोता का कहना है :
मुम्बई में आज भी जब अमित कुमार का स्टेज शो होता है, तो ५० % केवल किशोर कुमार की बातें और गाने सुनने में मिलते है |
प्रसिद्धि का ऐसा नमूना बहुत कम मिलाता है |
अवनीश तिवारी
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