अनुराग शर्मा हिन्द-युग्म का बहुत जाना-पहचाना नाम है। कहानी-वाचन के लिए ये आवाज़ के श्रोताओं के दिलों में अपनी ख़ास जगह बना चुके हैं। ये एक अच्छे कवि और विचारक भी हैं। पिछले सप्ताह 19 अप्रैल 2009 को रेडियो सलाम नमस्ते पर अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति द्वारा प्रस्तुत हिन्दी कविता के विशेष कार्यक्रम ' कवितांजलि' में इनका साक्षात्कार प्रसारित हुआ। कार्यक्रम के उद्घोषक आदित्य प्रकाश ने इनसे संक्षिप्त बातचीत की। अब तक इस कार्यक्रम में आलोक शंकर, गौरव सोलंकी, विपुल शुक्ला, अनुपमा चौहान, निखिल आनंद गिरि, रंजना भाटिया, सुनीता शानू, मनीष वंदेमातरम् और शैलेश भारतवासी इत्यादि के काव्यपाठ और बातचीत प्रसारित हो चुके हैं।
जब अनुराग बोले रेडियो से - भई खूब बोले। बहुत बढ़िया लगा कार्यक्रम। बस एक ही कमी थी कि अनुरागजी का काव्य पाठ कुछ कम था लेकिन शैलेश मिश्रजी का श्रोता के रूप में उपस्थिति थी अच्छी लगी।
अनुराग जी, 'कवितांजलि' पर आप का interview आदित्य प्रकाश जी के साथ सुना. बहुत अच्छा लगा और आपके बारे में कुछ और भी जानकारी मिली. मेरी तरफ से ढेर सारी शुभकामनाएं.
आदित्य भाई से , कई बार "सलाम नमस्ते " पे और ऐसे भी बातचीत हुई है -
उन्हेँ अनुराग भाई के सँग बात करते सुनना सुखद अनुभव रहा - दोनोँ के 'हिन्दी भाषा के लिये किये हुए सारे प्रयास' सराहनीय हैँ और सफलता के लिये मेरी शुभकामनाएँ देना चाहती हूँ .. बहुत स्नेह के साथ, - लावण्या
अनुराग जी की आवाज़ बार-बार सुनने लायक है। इनकी आवाज़ में गहराई भी है, मधुरता भी और मोहकता भी। आवाज़ को नया निखार देने में इनका बहुमूल्य योगदान है। अच्छा लगा सुनकर।
डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम के आशीर्वाद का साथ "बीट ऑफ इंडियन यूथ" आरंभ कर रहा है अपना महा अभियान. इस महत्वकांक्षी अल्बम के माध्यम से सपना है एक नया इतिहास रचने का. थीम सोंग लॉन्च हो चुका है, सुनिए और अपना स्नेह और सहयोग देकर इस झुझारू युवा टीम की हौसला अफजाई कीजिये
इन्टरनेट पर वैश्विक कलाकारों को जोड़ कर नए संगीत को रचने की परंपरा यहाँ आवाज़ पर प्रारंभ हुई थी, करीब ५ दर्जन गीतों को विश्व पटल पर लॉन्च करने के बाद अब युग्म के चार वरिष्ठ कलाकारों ऋषि एस, कुहू गुप्ता, विश्व दीपक और सजीव सारथी ने मिलकर खोला है एक नया संगीत लेबल- _"सोनोरे यूनिसन म्यूजिक", जिसके माध्यम से नए संगीत को विभिन्न आयामों के माध्यम से बाजार में उतारा जायेगा. लेबल के आधिकारिक पृष्ठ पर जाने के लिए नीचे दिए गए लोगो पर क्लिक कीजिए.
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आवाज़ पर ताज़ातरीन
संगीत का तीसरा सत्र
हिन्द-युग्म पूरी दुनिया में पहला ऐसा प्रयास है जिसने संगीतबद्ध गीत-निर्माण को योजनाबद्ध तरीके से इंटरनेट के माध्यम से अंजाम दिया। अक्टूबर 2007 में शुरू हुआ यह सिलसिला लगातार चल रहा है। इस प्रक्रिया में हिन्द-युग्म ने सैकड़ों नवप्रतिभाओं को मौका दिया। 2 अप्रैल 2010 से आवाज़ संगीत का तीसरा सीजन शुरू कर रहा है। अब हर शुक्रवार मज़ा लीजिए, एक नये गीत का॰॰॰॰
ओल्ड इज़ गोल्ड
यह आवाज़ का दैनिक स्तम्भ है, जिसके माध्यम से हम पुरानी सुनहरे गीतों की यादें ताज़ी करते हैं। प्रतिदिन शाम 6:30 बजे हमारे होस्ट सुजॉय चटर्जी लेकर आते हैं एक गीत और उससे जुड़ी बातें। इसमें हम श्रोताओं से पहेलियाँ भी पूछते हैं और 25 सही जवाब देने वाले को बनाते हैं 'अतिथि होस्ट'।
महफिल-ए-ग़ज़ल
ग़ज़लों, नग्मों, कव्वालियों और गैर फ़िल्मी गीतों का एक ऐसा विशाल खजाना है जो फ़िल्मी गीतों की चमक दमक में कहीं दबा-दबा सा ही रहता है। "महफ़िल-ए-ग़ज़ल" शृंखला एक कोशिश है इसी छुपे खजाने से कुछ मोती चुन कर आपकी नज़र करने की। हम हाज़िर होते हैं हर बुधवार एक अनमोल रचना के साथ, और इस महफिल में अपने मुक्तलिफ़ अंदाज़ में आपसे मुखातिब होते हैं कवि गीतकार और शायर विश्व दीपक "तन्हा"। साथ ही हिस्सा लीजिये एक अनोखे खेल में और आप भी बन सकते हैं -"शान-ए-महफिल". हम उम्मीद करते हैं कि "महफ़िल-ए-ग़ज़ल" का ये आयोजन आपको अवश्य भायेगा...
ताजा सुर ताल
अक्सर हम लोगों को कहते हुए सुनते हैं कि आजकल के गीतों में वो बात नहीं। "ताजा सुर ताल" शृंखला का उद्देश्य इसी भ्रम को तोड़ना है। आज भी बहुत बढ़िया और सार्थक संगीत बन रहा है, और ढेरों युवा संगीत योद्धा तमाम दबाबों में रहकर भी अच्छा संगीत रच रहे हैं, बस ज़रूरत है उन्हें ज़रा खंगालने की। हमारा दावा है कि हमारी इस शृंखला में प्रस्तुत गीतों को सुनकर पुराने संगीत के दीवाने श्रोता भी हमसे सहमत अवश्य होंगें, क्योंकि पुराना अगर "गोल्ड" है तो नए भी किसी कोहिनूर से कम नहीं।
सुनो कहानी
इस साप्ताहिक स्तम्भ के अंतर्गत हम कोशिश कर रहे हैं हिन्दी की कालजयी कहानियों को आवाज़ देने की है। इस स्तम्भ के संचालक अनुराग शर्मा वरिष्ठ कथावाचक हैं। इन्होंने प्रेमचंद, मंटो, भीष्म साहनी आदि साहित्यकारों की कई कहानियों को तो अपनी आवाज़ दी है। इनका साथ देने वालों में शन्नो अग्रवाल, पारुल, नीलम मिश्रा, अमिताभ मीत का नाम प्रमुख है। हर शनिवार को हम एक कहानी का पॉडकास्ट प्रसारित करते हैं।
पॉडकास्ट कवि सम्मलेन
यह एक मासिक स्तम्भ है, जिसमें तकनीक की मदद से कवियों की कविताओं की रिकॉर्डिंग को पिरोया जाता है और उसे एक कवि सम्मेलन का रूप दिया जाता है। प्रत्येक महीने के आखिरी रविवार को इस विशेष कवि सम्मेलन की संचालिका रश्मि प्रभा बहुत खूबसूरत अंदाज़ में इसे लेकर आती हैं। यदि आप भी इसमें भाग लेना चाहें तो यहाँ देखें।
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आप चाहें गीतकार हों, संगीतकार हों, गायक हों, संगीत सुनने में रुचि रखते हों, संगीत के बारे में दुनिया को बताना चाहते हों, फिल्मी गानों में रुचि हो या फिर गैर फिल्मी गानों में। कविता पढ़ने का शौक हो, या फिर कहानी सुनने का, लोकगीत गाते हों या फिर कविता सुनना अच्छा लगता है। मतलब आवाज़ का पूरा तज़र्बा। जुड़ें हमसे, अपनी बातें podcast.hindyugm@gmail.com पर शेयर करें।
ओल्ड इस गोल्ड यानी जो पुराना है वो सोना है, ये कहावत किसी अन्य सन्दर्भ में सही हो या न हो, हिन्दी फ़िल्म संगीत के विषय में एकदम सटीक है. ये शृंखला एक कोशिश है उन अनमोल मोतियों को एक माला में पिरोने की. रविवार से गुरूवार शाम 6-7 के बीच आवाज़ पर हम आपको सुनवाते हैं, गुज़रे दिनों का एक चुनिंदा गीत और थोडी बहुत चर्चा भी होती है उस गीत से जुडी कुछ खास बातों की. यहाँ आपके होस्ट होते हैं आवाज़ के बहुत पुराने साथी और संगीत सफर के हमसफ़र सुजॉय चटर्जी. इन्टरनेट पर अब तक की सबसे लंबी और सबसे सफल ये शृंखला पार कर चुकी है ५०० एपिसोडों का लंबा सफर. इस सफर के कुछ यादगार पड़ावों को जानिये इस फ्लेशबैक एपिसोड में. हम ओल्ड इस गोल्ड के इस अनुभव को प्रिंट और ऑडियो फॉर्मेट में बदलकर अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहुंचाना चाहते हैं. इस अभियान में आप रचनात्मक और आर्थिक सहयोग देकर हमारी मदद कर सकते हैं. पुराने, सुमधुर, गोल्ड गीतों के वो साथी जो इस मुहीम में हमारा साथ देना चाहें हमें oig@hindyugm.com पर संपर्क कर सकते हैं या कॉल करें 09871123997 (सजीव सारथी) या 09878034427 (सुजॉय चटर्जी) को
"डंडे के ज़ोर पर उसके पिता उसे अपने साथ तीर्थ यात्रा पर भी ले जाते थे और झाड़ू के ज़ोर पर माँ की छठ पूजा की तैयारियाँ भी वही करता था।" (अनुराग शर्मा की "बी. एल. नास्तिक" से एक अंश) सुनिए यहाँ
आवाज़ निर्माण
यदि आप अपनी कविताओं/गीतों/कहानियों को एक प्रोफेशनल आवाज़ में डब्ब ऑडियो बुक के रूप में देखने का ख्वाब रखते हैं तो हमसे संपर्क करें-hindyugm@gmail.com व्यवसायिक संगीत/गीत/गायन से जुडी आपकी हर जरुरत के लिए हमारी टीम समर्पित है
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6 श्रोताओं का कहना है :
जब अनुराग बोले रेडियो से - भई खूब बोले। बहुत बढ़िया लगा कार्यक्रम। बस एक ही कमी थी कि अनुरागजी का काव्य पाठ कुछ कम था लेकिन शैलेश मिश्रजी का श्रोता के रूप में उपस्थिति थी अच्छी लगी।
अनुराग जी,
'कवितांजलि' पर आप का interview आदित्य प्रकाश जी के साथ सुना. बहुत अच्छा लगा और आपके बारे में कुछ और भी जानकारी मिली. मेरी तरफ से ढेर सारी शुभकामनाएं.
साक्षात्कार का क्रम चलता रहे...
आदित्य भाई से ,
कई बार "सलाम नमस्ते " पे
और ऐसे भी बातचीत हुई है -
उन्हेँ अनुराग भाई के सँग
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दोनोँ के 'हिन्दी भाषा के लिये किये हुए सारे प्रयास'
सराहनीय हैँ
और सफलता के लिये
मेरी शुभकामनाएँ देना चाहती हूँ ..
बहुत स्नेह के साथ,
- लावण्या
अनुराग जी की आवाज़ बार-बार सुनने लायक है। इनकी आवाज़ में गहराई भी है, मधुरता भी और मोहकता भी। आवाज़ को नया निखार देने में इनका बहुमूल्य योगदान है। अच्छा लगा सुनकर।
अनुराग जी के हिंदी प्रचार का तो मालूम ही था,,, आज इनके बारे में कुच्छ और जान कर अच्छा लगा,,,,,
शैलेश जी ने इनकी आवाज की एकदम सही तारीफ़ की है,,
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