सुनो कहानी: काका हाथरसी की "प्यार किया तो मरना क्या"
'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में मुंशी प्रेमचन्द की कहानी "शंखनाद" का पॉडकास्ट सुना था। १८ सितम्बर को काका हाथरसी के जन्मदिन के अवसर पर आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार काका हाथरसी की कथा "प्यार किया तो मरना क्या", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।
कहानी का कुल प्रसारण समय 8 मिनट 15 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार बढ़ा दिन-दूना, प्रजातंत्र की स्वतंत्रता का देख नमूना। ~ प्रभुनाथ गर्ग "काका" हाथरसी (1906-1995) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी आप मोक्ष धाम को जाएंगे और हम रबड़ी खुरचन उड़ाएंगे। फिर आपकी पुण्य तिथि पर प्रति वर्ष नगाड़ा बजता रहेगा। चंदा होता रहेगा और धंधा चलता रहेगा। (काका हाथरसी की "प्यार किया तो मरना क्या" से एक अंश) |
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VBR MP3
#Thirty eighth Story, Pyar Kiya To Marna Kya: Kaka Hathrasi/Hindi Audio Book/2009/32. Voice: Anurag Sharma
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9 श्रोताओं का कहना है :
आज तो सुनो कहानी का स्वाद ही बदला हुआ लगा....बहुत बढ़िया चुनाव और वाचन है अनुराग जी
धन्यवाद सजीव!
कल १८ सितम्बर को हिंदी हास्य और व्यंग्य के बेजोड़ कवि काका हाथरसी का जन्मदिन था. इस अवसर पर उनकी याद आना स्वाभाविक ही है. प्रस्तुत रचना उनकी अंतिम रचनाओं में से एक है.
सबसे अच्छी बात यह है कि आप साहित्यकारों को श्रद्धाँजलि देना नहीं भूलते। हमें तो ख्याल हीं नहीं रहता। इस व्यंग्य-आलेख को सुनना अच्छा लगा।
हास्य कवि काका हाथरसी को याद करा दिया .हमेशा की तरह अनुराग जी की मधुर आवाज में मनोरंजन कराती हुयी कहानी लगी .बधाई .
अभी तक kaka haathrasi का नाम सुना था आज कहानी भी sunne को मिल गई. hindyugm का abhari.
aadhi hindi aadhi eng ke lie mafi chahta hun. net theek se kam nahi kar raha hai.
इस प्रयास से कई लोग लाभान्वित हो रहे हैं ,आभार आपका..
काका हाथरसी की कुछ कविताएं पढ़ी हैं . हास्यरस का अनुपम उदाहरण हैँ वे . आज यह हास्य कथा भी सुनली . और कहना ही होगा कि कथा से भी अधिक सरस है आपका स्पष्ट वाचन .
काका हाथरसी की कुछ कविताएं पढ़ी हैं . हास्यरस का अनुपम उदाहरण हैँ वे . आज यह हास्य कथा भी सुनली . और कहना ही होगा कि कथा से भी अधिक सरस है आपका स्पष्ट वाचन .
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