सुनो कहानी: मुंशी प्रेमचंद की "शंखनाद"
'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में प्रेमचंद की कहानी "विजय" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की कथा "शंखनाद", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।
कहानी का कुल प्रसारण समय 17 मिनट 54 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी इस तरह की सभाऍं कितनी ही बार हो चुकी थीं, परन्तु इस देश की सामाजिक और राजनीतिक सभाओं की तरह इसमें भी कोई प्रयोजन सिद्ध नहीं होता था। (प्रेमचंद की "शंखनाद" से एक अंश) |
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VBR MP3
#Thirty seventh Story, Vijay: Munshi Premchand/Hindi Audio Book/2009/31. Voice: Anurag Sharma







संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला
मन जाने - विवधताओं से भरी अल्बम








लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से
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शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।



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4 श्रोताओं का कहना है :
एकबार फिर से बेहररीन प्रस्तुति। शनिवार का इन्तज़ार रहता है। घर का काम करते हुये कहानी सुनते रहते हैं। बधाई
अनुराग जी का धन्यवाद्
इंसानी रिश्तों की जो गहरी समझ प्रेमचंद की कहानियों में मिलती है वो अद्भुत है....और आपका वाचन हमेशा की तरह परफेक्ट
कोतुहल,संदेश से भरी कहानी जीवन के यथार्थ को साथ जोड़ कर जीवन की समस्याओं का चित्रण किया है .अनुराग जी की मधुर आवाज ने कहानी को चरमोत्कर्ष पर पहुंचा दिया
प्रेमचंद जी कहानिओं में जो चित्रण आम समाज और जनसाधारण का मिलता है वो कही और नहीं. बहुत ही बढ़िया प्रस्तुति हिन्दयुग्म की. मुबराकाब्द.
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