Saturday, September 5, 2009

मुंशी प्रेमचंद की विजय



सुनो कहानी: विजय - मुंशी प्रेमचंद

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में प्रेमचंद की कहानी "नसीहतों का दफ्तर" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की कथा "विजय", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।

कहानी का कुल प्रसारण समय 25 मिनट 14 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।






मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं
~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६)


हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी


नतीजा यह हूआ कि आपस के प्यार और सच्चाई की जगह सन्देह पैदा हो गये। दरबारियों में गिरोह बनने लगे।
(प्रेमचंद की "विजय" से एक अंश)



नीचे के प्लेयर से सुनें.
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यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
VBR MP3

#Thirty sixth Story, Vijay: Munshi Premchand/Hindi Audio Book/2009/30. Voice: Anurag Sharma

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5 श्रोताओं का कहना है :

Sajeev का कहना है कि -

अनुराग जी ढेर सारे मुश्किल शब्द थे इस कहानी में...पर आप वाचन और उच्चारण दोनों ही कबीले तारीफ़ है....हर शनिवार आपकी कहानी का इंतज़ार रहता है...

निर्मला कपिला का कहना है कि -

सुबह नेट पर आते ही अनुराग जी की कहानी सुन ली थी उस मे इतना डूब गयीकि कम्मेन्ट देना भूल ही गयी उनकी आवाज़ मे कहानी सुनना बहुत अच्छा लगता है आभार्

अरविन्द श्रीवास्तव का कहना है कि -

पहली बार कहानी सुना...अनुराग जी की आवाज में जादू है..जीवंतता है ..बधाई...

Shamikh Faraz का कहना है कि -

प्रेमचंद जी की कहानिओं का क्या कहना. अनुराग जी की आवाज़ भी बढ़िया लगी.

Manju Gupta का कहना है कि -

अनुराग जी की बेमिसाल आवाज में कहानी मिसाल बन गयी . सुंदर प्रस्तुति के लिए कोटि -कोटि बधाई .

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