सुनो कहानी: मुक्तिबोध की "पक्षी और दीमक"
'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में हिंदी साहित्यकार प्रेमचंद की हृदयस्पर्शी कहानी "सभ्यता का रहस्य" का पॉडकास्ट सुना था। मानवमात्र की अस्मिता, संघर्ष और राजनीतिक चेतना के साहित्यकार गजानन माधव मुक्तिबोध के जन्मदिन के अवसर पर आज हम उन्ही की एक कहानी "पक्षी और दीमक" सुना रहे हैं, जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।
कहानी का कुल प्रसारण समय 5 मिनट 22 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
मुझको डर लगता है कहीं मैं भी तो सफलता के चन्द्र की छाया में घुग्घू या सियार या भूत न कहीं बन जाऊँ। ~ गजानन माधव मुक्तिबोध (१३ नवंबर १९१७ - ११ सितंबर १९६४) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी बेवकूफ, मैं दीमक के बदले पंख लेता हूं। पंख के बदले दीमक नहीं। (मुक्तिबोध की "पक्षी और दीमक" से एक अंश) |
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#Fourty Sixth Story, Pakshi Aur Dimak: Muktibodh/Hindi Audio Book/2009/40. Voice: Anurag Sharma







संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला
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लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से
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शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।



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2 श्रोताओं का कहना है :
वाह....बदलाव बेहद सुखद लगा.....अनुराग जी बहुत ही बढ़िया चयन है कहानी का और वाचन तो है ही अच्छा
bahut achchi lagi kahaani bhi aur aapka kahaani vaachan bhi .
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