Saturday, March 20, 2010

सुनो कहानी: बुद्धिजीवियों का दायित्व - शरद जोशी



सुनो कहानी: बुद्धिजीवियों का दायित्व - शरद जोशी
'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने प्रसिद्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई लिखित रचना "डिप्टी कलेक्टर" का पॉडकास्ट अनुराग शर्मा की आवाज़ में सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं शरद जोशी लिखित व्यंग्य "बुद्धिजीवियों का दायित्व", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।
"बुद्धिजीवियों का दायित्व" का कुल प्रसारण समय मात्र 1 मिनट 50 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।



लेखन मेरा निजी उद्देश्य है ... मैं इससे बचकर जा भी नहीं सकता।
~ पद्मश्री शरद जोशी (जन्म २१ मई १९३१; उज्जैन)

हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी

मार्क्सवाद पर तुम्हारी पकड़ भी गहरी है।
(शरद जोशी के व्यंग्य "बुद्धिजीवियों का दायित्व" से एक अंश)

नीचे के प्लेयर से सुनें.
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यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
VBR MP3
#65th Story, Buddhijiviyon Ka Dayitva: Sharad Joshi/Hindi Audio Book/2010/10. Voice: Anurag Sharma

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2 श्रोताओं का कहना है :

पूनम श्रीवास्तव का कहना है कि -

is stambh ki jankari ke liye dhanyvad.
poonam

Sajeev का कहना है कि -

छोटी मगर असर्कारण कहानी

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