ताज़ा सुर ताल ३७/२०१०
सुजॊय - दोस्तों, नमस्कार, और एक बार फिर स्वागत है 'ताज़ा सुर ताल' में। जैसा कि पिछले हफ़्ते विश्व दीपक जी ने थोड़ा सा हिण्ट दिया आज के फ़िल्म के बारे में, कि उनके मनपसंद संगीतकार का संगीत होगा आज की फ़िल्म में, तो चलिए अब वह वक़्त आ गया है कि आपको आज की फ़िल्म का नाम बता दिया जाए। आज हम लेकर आये हैं आने वाली फ़िल्म 'झूठा ही सही' के गानें।
विश्व दीपक - ए. आर. रहमान मेरे मनचाहे संगीतकार हैं, और सिर्फ़ मेरे ही नहीं, आज वो सिर्फ़ इस देश के ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में अपने संगीत के जल्वे बिखेर रहे हैं। वो एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संगीतकार बन चुके हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व भी कर रहे हैं। तभी तो राष्ट्रमण्डल खेल के शीर्षक गीत के संगीत के लिए उन्ही को चुना गया है।
सुजॊय - 'झूठा ही सही' अब्बास टायरवाला की फ़िल्म है जिसका निर्माण आइ.बी.सी मोशन पिक्चर्स के बैनर तले हो रही है, जिसके मुख्य कलाकार हैं जॊन एब्राहम और पाखी, जो अब्बास साहब की धर्मपत्नी हैं। सोहेल ख़ान, अरबाज़ ख़ान और नसीरुद्दिन शाह ने भी फ़िल्म में अभिनय किया है और सुनने में आया है कि फ़िल्म में माधवन और नंदना सेन अतिथि कलाकार के रूप में नज़र आयेंगे। १५ अक्तुबर २०१० का दिन निर्धारित किया गया है फ़िल्म की शुभमुक्ति के लिए, यानी कि इस साल का यही होगा दशहरा रिलीज़।
विश्व दीपक - सुना है कि पहले इस फ़िल्म का शीर्षक '1-800-Love' रखा गया था, उसके बाद 'Call Me Dil' रखा गया, लेकिन आख़िर में 'झूठा ही सही' का शीर्षक ही फ़ाइनल हुआ। फ़िल्म के प्रोमोज़ देखते हुए ऐसा लग रहा है कि कहानी में कुछ नई बात ज़रूर होगी। जॊन भी एक नए लुक में नज़र आ रहे हैं इस फ़िल्म में। जहाँ तक फ़िल्म के गीत संगीत का सवाल है, साउण्डट्रैक को अच्छा रेस्पॊन्स मिल रहा है।
सुजॊय - तो आइए गीतों का सिलसिला शुरु करते हैं, पहला गीत सुनवा रहे हैं राशिद अली और श्रेया घोषाल की आवाज़ों में।
गीत - क्राई क्राई
विश्व दीपक - एक संक्रामक ट्रैक जिसे कहा जा सकता है, और शायद इसी वजह से यह गीत एक इन्स्टैण्ट हिट भी बन गया है। वैसे भी शुरु से ही अब्बास टायरवाला इस तरह के कैची शब्दों का इस्तेमाल करते आये हैं। "पप्पु काण्ट डान्स साला" के बाद अब्बास और रहमान फिर एक बार एक ऐसा गीत लेकर आये हैं जिसे जनता ने हाथों हाथ लिया है।
सुजॊय - राशिद अली और श्रेया का कम्बिनेशन भी अच्छा लगा, ख़ास कर जहाँ जहाँ राशिद "no no no, kabhi nahi" कहते हैं, बड़ा ही मज़ेदार लगता है। गाना सीधा सरल है, और इस सरलता की वजह से ही यह हिट हो रहा है। एक बार सुनने के बाद जैसे 'क्राई क्राई' दिमाग़ में बैठ जाता है। राशिद अली की आवाज़ जॊन पर फ़िट बैठी है।
विश्व दीपक - रहमान ने अलग अलग साज़ों का इस्तेमाल किया है इस गीत में। जैसे टुकड़ों में बना है यह गीत, लेकिन हर एक टुकड़ा उतना ही आकर्षक, उतना ही लुभाने वाला।
सुजॊय - आइए अब दूसरे गीत की तरफ़ बढ़ा जाए! सुनते हैं जावेद अली और चिनमयी की आवाज़ों में "मैया यशोदा"।
गीत - मैया यशोदा (जमुना मिक्स)
गीत - मैया यशोदा (टेम्स मिक्स)
विश्व दीपक - एक और अच्छा गाना, एक और सुरीला कम्पोज़िशन। रहमान ने जावेद अली और चिनमयी पर जो भार सौंपा, इन दोनों ने उसका पूरा पूरा मान रखा। चिनमयी को बिना सांस छोड़े एक लम्बा सा लाइन इस गीत में गाना पड़ा, जिसे उन्होंने बहुत ही ख़ूबसूरती से निभाया, अंग्रेज़ी में जिसे कहते हैं 'effortlessly'। "मय्या यशोदा" गीत का आधार वही कृष्ण लीला ही है, लेकिन अंतिम अंतरे में यह एक संदेश भी देता है कि बांटने का। अच्छा लिखा हुआ गाना है और शायद इस साल के नवरात्री में डांडिया खेलने वालों को अपना नया गाना मिल गया।
सुजॊय - और इस गीत के बीच में सितार का वह पीस कितना सुरीला, कितना मधुर सुनाई देता है! "मय्या यशोदा" सुनते ही 'हम साथ साथ हैं' का वह हिट गीत भी याद आ जाता है जिसे अनुराधा पौडवाल, अल्का याज्ञ्निक और कविता कृष्णामूर्ती ने गाया था। लेकिन जावेद और चिनमयी का गाया यह गीत उससे बिल्कुल अलग है। दोनों अपने अपने जगह यूनिक है।
विश्व दीपक - यूनिक तो है, लेकिन इस जौनर में रहमान ने इससे पहले जो गीत बनाया था फ़िल्म 'लगान' के लिए, "राधा कैसे ना जले", उसके मुक़ाबले यह गीत बहुत पीछे है। वैसे यह बत भी सच है कि बार बार "राधा कैसे ना जले" जैसा गीत तो नहीं बन सकता ना! ख़ैर, "मैया यशोदा" के दो वर्ज़न हैं, एक है 'जमुना मिक्स', जिसमें भारतीय बीट्स और भारतीय स्वाद है। बांसुरी, सितार आदि साज़ों का इस्तेमाल, लेकिन पूरा गीत परक्युशन और बेस पर आधारित है। साज़िंदों ने भी कमाल का बजाया है।
सुजॊय - इसी गीत का दूसरा वर्ज़न है 'थेम्स मिक्स', जिसमें रहमान ने कुछ और ज़्यादा परक्युशन और ईलेक्ट्रॊनिक बीट्स का इस्तेमाल किया है। और टेलीफ़ोन के टोन्स को भी मिक्स किया गया है। दोनों को सुनने के बाद आप भी यही कहेंगे कि जमुना थेम्स पर हावी है। आइए अब तीसरे गीत की तरफ़ बढ़ा जाए, यह है "हैलो हैलो" कार्तिक और हेनरी कुरुविला की आवाज़ों में।
गीत - हैलो हैलो
विश्व दीपक - "हैलो हैलो" और उस पर कार्तिक की आवाज़, ऐसे में तो "कार्तिक कॊलिंग कार्तिक" की याद आ जाना ही स्वाभाविक है। औएर वैसे भी दोनों गीतों का मूड एक जैसा है, मतलब वही रिंगटोन न और बीप्स की ध्वनियों का इस्तेमाल।
सुजॊय - कार्तिक ने इस गीत को खुले दिल से गाया है, एक केयरफ़्री अंदाज़ में। रहमान कार्तिक से आजकल अपनी हर फ़िल्म में कम से कम एक गीत ज़रूर गवा रहे हैं। कार्तिक और जावेद अली रहमान के मनपसंद गायक बनते जा रहे हैं ऐसा लग रहा है।
विश्व दीपक - वाक़ई कार्तिक की आवाज़ में एक ताज़गी है, और हिंदी फ़िल्मी नायक के प्राश्वगायन के लिए तो बिल्कुल सटीक है। उनके गाये इस गीत में "मुझे छोड़ दो, मुझे थाम लो, खो जाने दो, मेरा नाम लो, सब ठीक है, जो जाएगा" एक बहुत ही सुंदर प्रवाह में चल पड़ता है। पता नहीं यह गीत लम्बी रेस का घोड़ा बन पाएगा या नहीं, लेकिन फ़िल्हाल तो इसे सुनने में अच्चा ही लग रहा है।
सुजॊय - जहाँ तक साज़ों की बात है, तो इसमें रहमान ने वायलिन और चेलो का इस्तेमाल किया है, टेलीफ़ोन के डायल टोन्स तो हैं ही। और इन सब के पीछे ड्रमिंग् बीट्स। रहमान का वैसे टेलीफ़ोन से नाता पुराना है, याद है न आपको 'हिंदुस्तानी' फ़िल्म का गाना "टेलीफ़ोन धुन में हँसने वाली"? चलिए, आगे बढ़ते हैं और सुनते हैं सोनू निगम की आवाज़ में "दो निशानियाँ"।
गीत - दो निशानियाँ
विश्व दीपक - एक और सुंदर कम्पोज़िशन, और सोनू निगम और रहमान का वही पुराना "दिल से" वाला अंदाज़ वापस आ गया है। एक धीमी लय वाला, कोमल और सोलफ़ुल गीत। पियानो की लगातार बजने वाली ध्वनियाँ गीत के ऒरकेस्ट्रेशन का मुख्य आकर्षण है। थोड़ा सा ग़मगीन अंदाज़ का गाना है लेकिन सोनू ने जिस पैशन के साथ इसे निभाया है, यह इस ऐल्बम का एक महत्वपूर्ण ट्रैक बन गया है यकीनन।
सुजॊय - गीत के बोलों की बात करें तो वो भी सुंदर हैं, गहरे अर्थ वाले हैं, बस एक झटका आपको तब लगा होगा जब इन ख़्वाबों ख़यालों वाले बोलों के बीच भी "फ़ोन" शब्द का ज़िक्र आता है। लेकिन फिर यह गीत के बोलों के साथ इस क़दर घुलमिल गया है कि गीत का अभिन्न अंग बन गया है। इस गीत का एक और वर्ज़न है ऐल्बम में जिसका शीर्षक है 'Heartbreak Reprise'।
विश्व दीपक - टूटे दिल की सदा है यह गीत जो एक मल्हम का काम करती है। "दो निशानियाँ" में सोनू निगम के अलावा बहुत से गायकों ने भी आवाज़ें मिलाई जैसे कि ऋषीकेश कामेरकर, थमसन ऐण्ड्रूज़, नोमान पिण्टो, बियांका गोम्स, डॊमिनिक सेरेजो, समंथा एडवार्ड्स, विविएन पोचा और क्लिण्टन सेरेजो। चलिए आगे निकला जाए, अब की बार आवाज़ श्रेया घोषाल और सुज़ेन डी'मेलो के। "पम प रा", यह है गीत, जो फ़िल्म के दूसरे गीतों की तुलना में एक ऐवरेज गीत है।
सुजॊय - श्रेया और सेज़ेन के गाये इस गीत में ना तो "लट्टू" कर देने वाली कोई बात है और ना ही "ऐ बच्चू" वाला ऐटिट्युड है। चलिए सुनते हैं।
गीत - पम प रा
सुजॊय - इस गीत में जो सब से अच्छी बात है वह है श्रेया की गायकी। उन्हें इस गीत में अपने वोकल रेंज के प्रदर्शन का मौका मिला और उन्होंने साबित भी किया अपने रेंज को, अपने टोनल क्वालिटी को। जैज़ शैली का गाना है, रहमान ने श्रेया से स्कैट सिंगिंग् कर दिखाया है, जिसे श्रेया बख़ूबी निभाया है।
विश्व दीपक - अब अगले गीत में एक नई आवाज़। विजय येसुदास की। क्या ये येसुदास जी के साहबज़ादे हैं? जी हाँ, मेरी तरह आपका अंदाज़ा भी सही है। हिंदी फ़िल्मों के लिए भले उनकी आवाज़ नई हो, लेकिन दक्षिण में ये करीब करीब एक दशक से सक्रीय हैं। बहुत ही अच्छा लग रहा है कि रहमान ने विजय येसुदास से हिंदी गीत गवाया है। येसुदास जी के लिए लोगों के दिलों में बहुत ज़्यादा प्यार है। उनका गाया हर एक गीत उत्कृष्ट रहा है। इसलिए हमे पूरी उम्मीद है कि विजय का भी उसी प्यार से हिंदी फ़िल्म संगीत में स्वागत होगा।
सुजॊय - विजय येसुदास के गाये गीत को पहले सुनते है, फिर गीत की चर्चा करेंगे।
गीत - 'I'll be waiting'
सुजॊय - वाह! अंग्रेज़ी और हिंदी, दोनों के शब्दों को विजय ने आसानी से निभाया है, और एक भाषा से दूसरे भाषा का जो ट्रान्ज़िशन है, उसे भी भली भाँति अंजाम दिया है। अपने पिता की तरह उनकी आवाज़ में भी एक सादगी है, उनके गायन में भी वही सरलता है।
विश्व दीपक - इस गीत को हिंग्लिश कहें तो बेहतर होगा, जैज़ शैली की धुन, लेकिन अंत होता है बड़े ही कोमल तरीके से। गीत की अवधि कम होने की वजह से ऐसा लगता है जैसे दिल नहीं भरा। रहमान सर, आशा है आप अपनी अगली फ़िल्म में भी विजय को मौका देंगे, और हमें मौका देंगे उन्हें सुनने का। और अब हम आपको मौका दे रहे हैं 'झूठा ही सही' फ़िल्म के अंतिम गीत को सुनने का, "call me dil - झूठा ही सही", जिसे गाया है राशिद अली ने।
सुजॊय - जैसा कि शुरु में हमने कहा था कि पहले पहले इस फ़िल्म के शीर्षक के लिए 'Call Me Dil' सोचा गया था, शायद इसीलिए इस गीत को बनाया गया है कि दोनों ही शीर्षक इसमें समा जाये। सुंदर बोल, सुंदर संगीत, सुंदर गायकी, बस इतना ही कहेंगे इस गीत के बारे में।
गीत - call me dil - झूठा ही सही
सुजॊय - हाँ तो दोस्तों, कैसे लगे ये गानें? किसी ख़ास गीत का उल्लेख ना करते हुए मैं इस ऐल्बम को अपनी तरफ़ से ४ की रेटिंग् दे रहा हूँ।
विश्व दीपक -
आवाज़ रेटिंग्स: झूठा हीं सही: ****
और अब आज के ३ सवाल
TST ट्रिविया # १०९- चिनमयी ने इसी साल एक और फ़िल्म में गीत गाया है जिसे हमने 'ताज़ा सुर ताल' में शामिल किया है। बताइए कौन सी है वह फ़िल्म?
TST ट्रिविया # ११०- राष्ट्रमण्डल खेल २०१० के लिए ए. आर. रहमान द्वारा रचित गीत के बोल क्या हैं?
TST ट्रिविया # १११- सोनू निगम ने बम्बई आने के बाद सब से पहले संगीतकार उषा खन्ना के संगीत में ऋषीकेश मुखर्जी की एक टीवी धारावाहिक के लिए गीत गाया था। क्या आपको याद है उस धारावाहिक का नाम?
TST ट्रिविया में अब तक -
पिछले हफ़्ते के सवालों के जवाब:
१. बेस्ट फ़िल्म ऒन फ़ैमिली वेलफ़ेयर
२. फ़िल्म 'राही' की लोरी "चाँद सो गया, तारे सो गए"।
३. तीन बार।
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
4 श्रोताओं का कहना है :
विजय येसुदास का गाया गीत बेहद खूबसूरत है, कॉल में दिल और दो निशानियाँ सुंदर शब्द और संगीत से भरपूर हैं. क्राई क्राई वाकई संक्रामक है. मुझे तो श्रेया का गया तारा रम पाम भी बहुत अच्छा लगा. मैया यशोदा में कोई परिपक्व मेल गायक होता जावेद की जगह तो और अच्छा हो सकता था, कुल मिलाकर ये एक मुक्कमल अल्बम है, और इस साल की बहतरीन पेशकशों में से एक....मैं इसे सधे चार की रेटिंग दूँगा :)
2) Oh yaaro, yeh India bulaa liya
Diwaano yeh India bulaa liya (bulaa liya)
Yeh toh khel hai
Bada mel hai
Mila diya (mila diya)
Yeh toh khel hai
Bada mel hai
Mila diya (mila diya)
regards
3) Talaash
regards
1)Madhno" Lamhaa
regards
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)