Saturday, October 9, 2010

सुनो कहानी: तरह तरह के बिच्छू - अनुराग शर्मा



'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने कविता वर्मा की आवाज़ में आर के नारायण की कहानी "ज्योतिषी का नसीब" का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की एक कहानी "तरह तरह के बिच्छू", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।

कहानी "तरह तरह के बिच्छू" का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 22 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

इस कथा का टेक्स्ट बर्ग वार्ता ब्लॉग पर उपलब्ध है।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।




पतझड़ में पत्ते गिरैं, मन आकुल हो जाय। गिरा हुआ पत्ता कभी, फ़िर वापस ना आय।।
~ अनुराग शर्मा

हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी

काफी देर तक तो बेचारे बिच्छू कसमसाते रहे मगर आखिर मेंढकों का अत्याचार कब तक सहते।
(अनुराग शर्मा की "तरह तरह के बिच्छू" से एक अंश)


नीचे के प्लेयर से सुनें.
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यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
VBR MP3
#One hundred Sixth Story, Tarah Tarah Ke Bichchhoo: Anurag Sharma/Hindi Audio Book/2010/38. Voice: Anurag Sharma

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4 श्रोताओं का कहना है :

Sajeev का कहना है कि -

कहानी एक मुस्कराहट आपके चहेरे पर छोड़ जाती है, मगर साथ साथ बहुत कुछ सोचने पर भी मजबूर कर जाती है....बहुत बढ़िया अनुराग जी

Archana Chaoji का कहना है कि -

रोचकता के साथ अंत तक बाँधे रखा कहानी ने ...आभार..

Smart Indian का कहना है कि -

धन्यवाद!

kavita verma का कहना है कि -

kahani me awaz ke utar chadav ko aur janane ka mouka mila...dhanyvad....

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