ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 573/2010/273
'ओल्ड इज़ गोल्ड' के दोस्तों, आप सभी को हमारा नमस्कार! पिछली दो कड़ियों में हमने आपको भारत के दो ऐसे जगहों के बारे में बताया जिनके बारे में लोगों की यह धारणा बनी हुई है कि वहाँ पर भूत-प्रेत का निवास है। हालाँकि वैज्ञानिक तौर पर कुछ भी प्रमाणित नहीं हो पाया है, लेकिन इस तरह की बातें एक बार फैल जाये तो ऐसी जगहों से लोग ज़रा दूर दूर रहना ही पसंद करते हैं। और हमने आपको दो ऐसी ही सस्पेन्स थ्रिलर फ़िल्मों की कहानियां भी बताई - 'महल' और 'बीस साल बाद', और इन फ़िल्मों से लता मंगेशकर के गाये दो हौण्टिंग् नंबर्स भी सुनवाये। दोस्तों, आज हम अपने देश की सीमाओं को लांघ कर ज़रा विदेश में जा निकलते हैं। यकीन मानिए, भूत प्रेत की जितनी कहानियाँ हमारे यहाँ मशहूर हैं, उतनी ही कहानियाँ हर देश में पायी जाती है। आइए अलग अलग देशों के कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में आज आपको बतायी जाये। ऒस्ट्रेलिया के विक्टोरिया शहर में एक असाइलम है, जिसका नाम है 'बीचवर्थ लुनाटिक असाइलम'। कहते हैं कि यहाँ पर कई मरीज़ों की आत्माएँ निवास करती हैं। यह असाइलम १८६७ में बनी थी और १९९५ में इसे बंद कर दिया गया। उसके बाद अब वहाँ कोई नहीं रहता लेकिन अजीब-ओ-ग़रीब आवाज़ें अब भी सुनने को मिलती है रातों में। ब्राज़िल के साओ-पाओलो में जोल्मा बिल्डिंग् में १ फ़रवरी १९७४ को भीषण आग लगी थी। उस अग्निकाण्ड में १३ लोगों की लिफ़्ट के अंदर जलकर मौत हो गई थी। सुनने में आता है कि अब भी उनकी आत्माएँ उस बिल्डिंग् में भटकती हैं। वह बिल्डिंग् अब भी "Mystery of the Thirteen Souls" के नाम से मशहूर है। इण्डोनेशिया में एक जगह है पेलाबुहन रातु। पौराणिक कहानी के अनुसार राजा प्रभु सिलिवांगी की बेटी रोरो किदुल, जिन्हें Queen of the South Sea कहा जाता था, ने उसी दक्षिणी समुद्र (South Sea) में कूदकर आत्महत्या की थी। अब लोग कहते हैं कि आज भी अगर कोई उस समुद्र में हरे रंग की पोशाक पहनकर तैरने जाता या जाती है, तो रोरो की आत्मा उसे समुंदर के गहरे में खींच ले जाती है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि 'समुद्र बीच होटल' का कमरा नं-३०८ आज भी आरक्षित है रानी के लिए। ताइवान के ताइपेइ में हयात होटल में भूतों का निवास है, और तभी तो उसकी लॊबी में चीनी भाषा में भूत-निवारण का इंतज़ाम देखा जा सकता है। सिंगापुर में 'The Old Changi Hospital' में भूतों का वास है ऐसा कहा जाता है। ३० के दशक में इस अस्पताल का निर्माण हुआ था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान युद्धबंधियों को अस्पताल में बंदी बनाकर रखा जाता था और बाद में मौत के घाट उतार दिया जाता था। कहा जाता है कि विभिन्न जाति और देशों के युद्दबंधियों की आत्माएँ महसूस की जा सकती है आज भी। और दोस्तों, सब से ज़्यादा भूत-प्रेत की कहानियाँ जिस देश में सुनी जाती है, वह है इंगलैण्ड। इसलिए हमने सोचा कि इस देश की प्रचलित भूतिया क़िस्सों को हम आगे चलकर एक अंक में अलग से पेश करेंगे। ये सब तो थे ऐसे क़िस्से जो सालों से, दशकों से, युगों से लोगों की ज़ुबाँ से पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर किसी की भी पुष्टि नहीं हो पायी है। लेकिन हम बस इन घटनाओं और क़िस्सों को बताकर ही इस शृंखला का समापन नहीं करेंगे। आगे चलकर इस शृंखला में एक ऐसा भी अंक पेश होगा जिसमें हम भूत-प्रेत और आत्माओं के अस्तित्व को लेकर वैज्ञानिक चर्चा भी करेंगे।
आइए आज सुनते हैं हेमंत कुमार की ही एक और सस्पेन्स थ्रिलर 'कोहरा' का एक डरावना गीत - "झूम झूम ढलती रात, लेके चली मुझे अपने साथ"। फिर एक बार लता जी की आवाज़, हेमंत दा का संगीत, कैफी आज़मी के बोल, और फिर एक बार एक सफल सस्पेन्स थ्रिलर। इस फ़िल्म की कहानी के बारे में भी आपको बताना चाहेंगे। अपने पिता के मौत के बाद राजेश्वरी अनाथ हो जाती है, और बोझ बन जाती है एक विधवा पर जो माँ है एक ऐसे बेटे रमेश की जिसकी मानसिक हालत ठीक नहीं। उस औरत का यह मानना है कि अगर राजेश्वरी रमेश से शादी कर ले तो वो ठीक हो जाएगा। लेकिन राजेश्वरी को कतई मंज़ूर नहीं कि वो उस पागल से शादी करे, इसलिए वो आत्महत्या करने निकल पड़ती है। लेकिन संयोगवश उसकी मुलाक़ात हो जाती है राजा अमित कुमार सिंह से। दोनों मिलते हैं, उन्हे एक दूजे से प्यार हो जाता है, और फिर वे शादी कर लेते हैं। राजेश्वरी का राजमहल में स्वागत होता है। इस ख़ुशी को अभी तक वो हज़म भी नहीं कर पायी थी कि उसे पता चलता है कि अमित का पूनम नाम की किसी लड़की से एक बार शादी हुई थी जो अब इस दुनिया में नहीं है। और तभी शुरु होता है डर! राजेश्वरी को महसूस होता है कि पूनम की आत्मा अब भी महल में मौजूद है। ख़ास कर उनके शयन कक्ष में जहाँ वो देखती है कि कुर्सियाँ ख़ुद ब ख़ुद हिल रहीं हैं, बिस्तर पर बैठते ही लगता है कि जैसे अभी कोई लेटा हुआ था वहाँ, खिड़कियाँ अपने आप ही खुल जाया करती हैं, और उसे किसी की आवाज़ भी सुनाई देती है। और फिर एक दिन पुलिस बरामद करता है पूनम का कंकाल!!! किसने कत्ल किया था पूनम का? क्या अमित ही ख़ूनी है? क्या वाक़ई पूनम की आत्मा भटक रही है हवेली में? अब क्या होगा राजेश्वरी का? यही थी कोहरा की कहानी, जो अपने ज़माने की एक मशहूर सस्पेन्स थ्रिलर रही। तो लीजिए आज का गीत सुनिए....
क्या आप जानते हैं...
कि हेमन्त कुमार 'बीस साल बाद' के "कहीं दीप जले कहीं दिल" को पहले पहले गीता दत्त से गवाना चाह रहे थे। पर उनके घर में रिहर्सल के दौरान "ज़रा मिलना नज़र पहचान के" का वह आवश्यक नाज़ुक लहज़ा जब गीता नहीं ला पाई तो हेमन्त ने उनसे माफ़ी माँग कर लता को बुला लिया।
दोस्तों अब पहेली है आपके संगीत ज्ञान की कड़ी परीक्षा, आपने करना ये है कि नीचे दी गयी धुन को सुनना है और अंदाज़ा लगाना है उस अगले गीत का. गीत पहचान लेंगें तो आपके लिए नीचे दिए सवाल भी कुछ मुश्किल नहीं रहेंगें. नियम वही हैं कि एक आई डी से आप केवल एक प्रश्न का ही जवाब दे पायेंगें. हर १० अंकों की शृंखला का एक विजेता होगा, और जो १००० वें एपिसोड तक सबसे अधिक श्रृंखलाओं में विजय हासिल करेगा वो ही अंतिम महा विजेता माना जायेगा. और हाँ इस बार इस महाविजेता का पुरस्कार नकद राशि में होगा ....कितने ?....इसे रहस्य रहने दीजिए अभी के लिए :)
पहेली 04/शृंखला 08
गीत का ये हिस्सा सुनें-
अतिरिक्त सूत्र - इतना बहुत है इस यादगार गीत को पहचानने के लिए.
सवाल १ - गीतकार बताएं - 2 अंक
सवाल २ - फिल्म का नाम बताएं - 1 अंक
सवाल ३ - संगीतकार कौन हैं - 1 अंक
पिछली पहेली का परिणाम -
अमित जी छाये हुए हैं, शरद जी और इंदु जी भी सही हैं...इंदु जी हम बढ़ावा नहीं दे रहे हैं....की ये जो फ़िल्में हैं इन बातों को बढ़ाव दे रही है ? नहीं दरअसल इन सब में मानव मन की स्वाभाविक दिलचस्पी रहती है, तो महज उसे बांटा जा रहा है. कृपया लडें नहीं बाबा....
खोज व आलेख- सुजॉय चटर्जी
इन्टरनेट पर अब तक की सबसे लंबी और सबसे सफल ये शृंखला पार कर चुकी है ५०० एपिसोडों लंबा सफर. इस सफर के कुछ यादगार पड़ावों को जानिये इस फ्लेशबैक एपिसोड में. हम ओल्ड इस गोल्ड के इस अनुभव को प्रिंट और ऑडियो फॉर्मेट में बदलकर अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहुंचाना चाहते हैं. इस अभियान में आप रचनात्मक और आर्थिक सहयोग देकर हमारी मदद कर सकते हैं. पुराने, सुमधुर, गोल्ड गीतों के वो साथी जो इस मुहीम में हमारा साथ देना चाहें हमें oig@hindyugm.com पर संपर्क कर सकते हैं या कॉल करें 09871123997 (सजीव सारथी) या 09878034427 (सुजॉय चटर्जी) को
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4 श्रोताओं का कहना है :
गीतकार बताएं - साहिर लुधियानवी
film Neel kamal
Music Director : Ravi
दूर से आती मूर्तिकार की आवाज और उस पर सीता उर्फ वहीदा रहमान का खींचे चले आना.
आज भी ये गाना शारीर में सिहरन दौड़ा देने के लिए पर्याप्त है.राजकुमार जी के अभिनय और उनकी प्रभावशाली आवाज ने जैसे चित्रसेन को दर्शकों के सामने जीवंत कर दिया था.
'तुझको पुकारे मेरा प्यारे,आजा मैं तो मिटा हूँ तेरी छह में'
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