सभी साहित्यप्रेमियों को जन्माष्टमी की बधाइयाँ!
आज हम इस अवसर पर हिन्द-युग्म प्रकाशन की नवीनतम पुस्तक 'अर्पिता' का ऑनलाइन विमोचन कर रहे हैं। यह पुस्तक युवा कवयित्री सीमा सिंघल का प्रथम काव्य-संग्रह है। चूँकि हिन्द-युग्म का यह मंच ज्यादा बोलने-सुनने और कम लिखने का है। इसलिए हम पुस्तक पर अधिक कलम न चलाकर, सर्वप्रथम तो आपको विमोचन का अवसर प्रदान करते हैं। उसके पश्चात अर्चना चावजी की आवाज़ में पुस्तक पर उनके विचार जानते हैं और उनकी आवाज़ में चुनिंदा कविताएँ सुनते हैं।
पहले यहाँ से फीटा काटकर विधिवत लोकार्पण करें।
अब नीचे के प्लेयर से अर्चना जी की आवाज़ में पुस्तक-चर्चा सुनें।






संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला
मन जाने - विवधताओं से भरी अल्बम








लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से
द रिटर्न ऑफ आलम आरा प्रोजेक्ट एक कोशिश है, हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म के गीत संगीत को फिर से रिवाईव करने की, सहयोग दें, और हमारी इस नेक कोशिश का हिस्सा बनें 

सुप्रसिद्ध गायक, गीतकार और संगीतकार रविन्द्र जैन यानी इंडस्ट्री के दाद्दु पर एक विशेष शृंखला जिसके माध्यम हम सलाम कर रहे हैं फिल्म संगीत जगत में, इस अदभुत कलाकार के सुर्रिले योगदान को
लोरियों की मधुरता स्त्री स्वर के माम्तत्व से मिलकर और भी दिव्य हो जाती है. पर फिल्मों में यदा कदा ऐसी परिस्थियों भी आई है जब पुरुष स्वरों ने लोरियों को अपनी सहजता प्रदान की है. पुरुष स्वरों की दस चुनी हुई लोरियाँ लेकर हम उपस्थित हो रहे हैं ओल्ड इस गोल्ड में इन दिनों 

शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।



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8 श्रोताओं का कहना है :
सीमा जी को बधाई
बहुत ही बधाई सीमाजी,
और ऑन-लाईन विमोचन का यह प्रयोग भी शानदार है।
मंगल-कामनाएं!!
बहुत बहुत बधाई सीमा जी
बहुत बहुत बधाई सीमा जी !
अर्चना चाव जी की आवाज़ में सुन्दर प्रस्तुति ने पुस्तक पढ़ने हेतु आकर्षित किया है,अर्पिता को एक नया आयाम मिले,इन्हीं शुभकामनाओं के साथ -
सीमा जी को बधाई "अर्पिता" के विमोचन पर ...
सीमा सिंघल जी को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं...
इस नए प्रयोग के लिए बधाई। सीमा जी को भी बधाई।
सीमा जी बहुत बहुत बधाई
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