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चलो हसीन गीत एक बनायें.....सुनिए कैसे 'शौक़ीन' दादामुनि अशोक कुमार ने स्वर दिया इस मजेदार गीत को - Sajeev

भारतीय और पाश्चात्य शास्त्रीय संगीत, दोनों में ही माहिर थे सलिल दा - Sajeev

न जाने क्यों होता है ये जिंदगी के साथ...कि कुछ गीत कभी दिलो-जेहन से उतरते ही नहीं - Sajeev

आये तुम याद मुझे, गाने लगी हर धड़कन...जब याद आये किशोर और अशोक एक साथ तो क्यों न ऐसा हो - Sajeev

कहीं दूर जब जब दिन ढल जाए....ऐसे मधुर गीत होठों पे आये.... - Sajeev

सावन की रिमझिम में उमड़-घुमड़ बरसे पिया......महफ़िल-ए-गज़ल और मन्ना डे - नियंत्रक । Admin

जिन्होंने सजाये यहाँ मेले...कुछ यादें अमर संगीतकार सलिल दा की - नियंत्रक । Admin

मैं तो दीवाना...दीवाना...दीवाना...मुकेश, एक परिचय - नियंत्रक । Admin

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