'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने शन्नो अग्रवाल की आवाज़ में श्रवण कुमार सिंह की कहानी 'बुतरखौकी' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं सआदत हसन मंटो की "कसौटी", जिसको स्वर दिया है "किस से कहें" वाले अमिताभ मीत ने। इससे पहले आप अनुराग शर्मा की आवाज़ में मंटो की अमर कहानी टोबा टेक सिंह और एक लघुकथा सुन चुके हैं।
"कसौटी" का कुल प्रसारण समय १३ मिनट और ४४ सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
पागलख़ाने में एक पागल ऐसा भी था जो ख़ुद को ख़ुदा कहता था। ~ सआदत हसन मंटो (१९१२-१९५५) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए एक नयी कहानी वह धर्मकांटा कहाँ है जिसके पलडों में हिन्दू और मुसलमान, ईसाई और यहूदी, काले और गोरे तुल सकते हैं? (मंटो की "कसौटी" से एक अंश) |
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#Twenty-second Story, Kasauti: Sa'adat Hasan Manto/Hindi Audio Book/2009/17. Voice: Amitabh Meet
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4 श्रोताओं का कहना है :
पढ़ी हुई कहानी सुनने का क्या आनन्द है आज जाना!!आभार.
वाह कहानी क्या है एक लम्बी कविता है, और इस अभिव्यक्ति के लिए मीत जी की वजनदार आवाज़ से बेहतर कोई चुनाव नहीं था.....मज़ा आ गया....अनुराग जी और मीत जी को बहुत बहुत बधाई...
मीत भाई,
चलिए आखिर आप भी 'सुनो कहानी' की गिरफ्त में आये तो सही। उम्मीद है, आपके बहाने मंटो की कहानियाँ हम आवाज़ पर सुनते रहेंगे।
भाई मीत जी ,
क्या बात है ?आपकी आवाज में कैफियत तो कैफी आजमी जी जैसी है ,सच मानिए ,सुनते सुनते ,ही लिख रही हूँ ,थोड़े लफ्ज समझ में नहीं आ रहे हैं ,पर कहानी का लुत्फ़ कही भी कम नहीं होरहा है|
आगे भी आपकी आवाज कहानियों को मिले तो बस क्या कहना यूं समझ लीजिये की कहानी को रूह मिल गयी |बस इस बार इतनी ही तारीफ ,कुछ अगली बार के लिए भी बचा के रख ली है
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