सुनो कहानी: एक गधा नेफा में - कृश्न चन्दर
'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अर्चना चावजी की आवाज़ में भीष्म साहनी की एक कथा गुलेलबाज़ लड़का का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं कृश्न चन्दर की कहानी "एक गधे की वापसी" का अंतिम भाग, जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।
कहानी का कुल प्रसारण समय 7 मिनट 56 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
एक गधे की वापसी के अंश पढने के लिये कृपया नीचे दिए लिंक्स पर क्लिक करें
एक गधे की वापसी - प्रथम भाग
एक गधे की वापसी - द्वितीय भाग
एक गधे की वापसी - तृतीय भाग
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
यह तो कोमलांगियों की मजबूरी है कि वे सदा सुन्दर गधों पर मुग्ध होती हैं ~ पद्म भूषण कृश्न चन्दर (1914-1977) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए एक नयी कहानी रुस्तम सेठ मुझसे बहुत खुश हुए और खुश होकर मुझे जान से मारने की सोचने लगे। ( "एक गधा नेफा में" से एक अंश) |
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#One hundred fourth Story, Ek Gadhe Ki Vapasi: Folklore/Hindi Audio Book/2010/36. Voice: Anurag Sharma







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शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।



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4 श्रोताओं का कहना है :
पूरी सीरिस बहुत खूब रही
bahut khoob...
bahut khoob...
बहुत दिनों बाद अनुराग जी की आवाज़ मे कहानी सुनी। उनका कहानी कहने का अंदाज़ और आवाज काबिले तारीफ है। श्री कृ्ष्ण चन्द्र् जी को बहुत बहुत बधाई
कमाल की कहानी लिखी है।
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