'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अर्चना चावजी की आवाज़ में अनुराग शर्मा की कहानी "जाके कभी न परी बिवाई" का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं असग़र वजाहत की एक कहानी "हँसी", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।
कहानी "हँसी" का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 26 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
इस कथा का टेक्स्ट लघुकथा.com पर उपलब्ध है।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
रात के वक्त़ रूहें अपने बाल-बच्चों से मिलने आती हैं। ~ असगर वज़ाहत हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी डॉक्टर बोला, ‘‘नहीं, यह बीमारी नहीं है, क्योंकि बीमारियों की किताब में इसका जि़क्र नहीं है।’’ (असग़र वजाहत की "हँसी" से एक अंश) |
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#122nd Story, Hansi: Asghar Wajahat/Hindi Audio Book/2011/5. Voice: Anurag Sharma







संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला
मन जाने - विवधताओं से भरी अल्बम








लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से
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सुप्रसिद्ध गायक, गीतकार और संगीतकार रविन्द्र जैन यानी इंडस्ट्री के दाद्दु पर एक विशेष शृंखला जिसके माध्यम हम सलाम कर रहे हैं फिल्म संगीत जगत में, इस अदभुत कलाकार के सुर्रिले योगदान को
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शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।



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श्रोता का कहना है :
वाकई आज के दौर में हँसी सिर्फ टीवी के कोमेडी सर्कसों के वाहियात जोकों तक ही सीमित है
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