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जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा....सुनिए समृद्ध भारत की कहानी राजेंद्र कृष्ण की जुबानी - Sajeev

ऐ जान-ए-जिगर दिल में समाने आजा....पियानों के तार खनके और मुकेश की आवाज़ में गूंजा अनिल दा नग्मा - Sajeev

दाने दाने पे लिखा है खाने वाले का नाम...क्या खूब प्रयोग किया राजेन्द्र कृष्ण साहब ने इस मुहावरे का गीत में - Sajeev

शाम ढले, खिडकी तले तुम सीटी बजाना छोड़ दो....हिंदी फिल्म संगीत जगत के एक क्रान्तिकारी संगीतकार को समर्पित एक नयी शृंखला - Sajeev

गोरे गोरे ओ बांके छोरे....प्रेरित धुनों पर थिरकने वाले गीतों की संख्या अधिक है - Sajeev

अपलम चपलम चपलाई रे....गुदगुदाते शब्द मधुर संगीत और मंगेशकर बहनों की जुगलबंदी - Sajeev

मेरी दास्ताँ मुझे ही मेरा दिल सुना के रोये कभी ...उषा खन्ना के संगीत में उभरा लता का दर्द - Sajeev

मेरी जीवन नैय्या बीच भंवर में गुड़ गुड़ गोते खाए....कैसे रहेंगे मुस्कुराए बिना किशोर दा और पंचम दा के सदाबहार गीत को सुनकर - Sajeev

बहाए चाँद ने आँसू ज़माना चांदनी समझा...हेमंत दा का गाया एक बेमिसाल गीत - Sajeev

फिर वही शाम वही गम वही तन्हाई है...तलत की आवाज़ में डूबते शाम को तन्हा दिल से उठती टीस - Sajeev

हम तो जानी प्यार करेगा, नहीं डरेगा....चितलकर और आशा ने जमाया जम कर रंग - Sajeev

जमीन से हमें आसमान पर बिठाके गिरा तो न दोगे....एक मासूम सा सवाल इस प्रेम गीत में - Sajeev

तू प्यार करे या ठुकराए हम तो हैं तेरे दीवानों में - मानते हैं आज भी मदन साहब के दीवाने - Sajeev

बैरन नींद न आये....मदन मोहन साहब की यादों को समर्पित ओल्ड इस गोल्ड विशेष. - Sajeev

चरणदास को जो पीने की आदत न होती...सामाजिक जिम्मेदारियों को भी निभाते थे "गोल्डन इरा" के गीतकार - Sajeev

गुमसुम सा ये जहाँ....ये रात ये समां...गीतकार राजेंद्र कृष्ण ने रचा था ये प्रेम गीत - Sajeev

तुम्हीं मेरे मंदिर तुम्हीं मेरी पूजा...पति प्रेम की पवित्र भावनाओं को समर्पित एक गीत - Sajeev

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